सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चिद् दुःख भाग्भवेत्।।
यह श्लोक मनुष्य जीवन के उन पहलुओं को दर्शाता है जो सेवा, समर्पण, सहयोग और समानता की परिधि पर हर किसी के जीवन में हमेशा सुख-समृद्धि और संपन्नता को बनाए रखने की कामना करता है.
इसी संस्कृति और मानव जीवन के मूल्यों के प्रति अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने के लिए हमने “भावना” समाजसेवी संगठन की स्थापना की है, जो अपने मूल मंत्र ज़रूरतमंदों को “बेहतर कल” प्रदान करने के साथ गरीब, असहाय एवं जरुरतमंदों के उत्थान हेतु निरंतर कार्य करेगी. हमारा मूल उद्देश्य हर व्यक्ति, वर्ग एवं क्षेत्र के विकास हेतु जन-आकांक्षाओं, जरूरतों और भावनाओं को निःस्वार्थ भाव से पूर्ण करने एवं यथासंभव उसे पूरा करने हेतु प्रयास करना है.
महिलाओं के सशक्तिकरण हेतु उन्हें रोजगार एवं स्व-रोजगार की दिशा में अग्रसर करना, अन्नदाता हमारे किसान भाईयों-बहनों को कृषि के आधुनिकीकरण व उपकरणों की जानकारी हेतु प्रशिक्षण, क्षेत्र में चिकित्सीय सुविधाओं के विस्तार व निःशुल्क जांच शिविर के माध्यम से उन्हें सेवाएं प्रदान करना, युवाओं को कौशल प्रशिक्षण प्रदान कर रोजगार के अवसरों का सृजन करना साथ ही खेल के क्षेत्र में उन्हें प्रोत्साहित करना ही हमारा ध्येय है.
आज हमारा देश विकास की तीव्र गति से आगे बढ़ रहा है परन्तु कुछ विषम परिस्थितियों में जरूरतमंद लोगों की निःस्वार्थ सेवाभाव से मदद करने के लिए और मानवता के प्रति अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए हर जनमानस की सेवा का संकल्प ही हमारी “भावना” है.